क्षति क्या हमारे गुनाहो की सजा है ?
या है जिंदगी का एक हिस्सा
जब भी है कोई अपना गुज़र जाता है
तो दिल में यह ख्याल आता है
जब भी है कोई अपना गुज़र जाता है
तो दिल में यह ख्याल आता है
ऐसा हमारे साथ ही क्यूँ होता है ?
क्यूँ ईश्वर हमें ही सजा देता है ?
क्यूँ हमें ही ऐसे दुःख से गुज़रना पड़ता है ?
आखिर क्यूँ हमसे पहले कोई अपना गुज़र जाता है ?क्यूँ हमें ही ऐसे दुःख से गुज़रना पड़ता है ?
जो चला गया वोह तो उस पेड़ की तरह है
जिसके पत्ते सभी है टूट गए पतझड़ में
देखने वाले को तो वोह पीड़ा ही देता है
लेकिन उस पेड़ के बारे में सोचो जरा
जिसने अपना सारा बोझ उतारकर
एक नया काल शुरू किया है
इसी उम्मीद में की सावन फिर से आएगा
और वोह फिर से हरा भरा होकर लहराएगा
ऐ देखने वाले तू शोक ना मना
यह तो जीवन का चक्र है ऐसे ही चलता रहेगा
जाने वाले के लिए नया चक्र हमेशा खुशियाँ लायेगा
जो चला गया वोह तो उस मकान की तरह है
अब खड़ा है जर्जर अवस्था में
कंधे कुछ झुके झुके से है
बचपन बीता था तुम्हारा वहा
कुछ खट्टी मीठी यादोँ से भरा
अब बनने दो नए मकान को यहाँ पर
जहा तुम्हारे बच्चे खेलेंगे
और उनकी नयी यादें इससे जुड़ेंगी
फिर से यह मकान खुशियो का आशियाना बन जायेगा
ऐ रहने वाले तू शोक ना मना
यह तो जीवन का चक्र है ऐसे ही चलता रहेगा
जाने वाले के लिए नया चक्र हमेशा खुशियाँ लायेगा
आज जब में पीछे मुड़कर देखता हूँ तो यह एहसास होता है
की यह सजा नहीं, शायद संसार का एक नियम है
जो हम सभी के साथ खेलता है
लेकिन यह नियम है जरूरी
बिना इसके है यह ज़िन्दगी अधूरी
Author's Note: Chacha, We will always miss you a lot. I hope you are in a better place than this. Today, on the day of Diwali, I feel this void in my life which I guess will always be there but I hope to take your legacy forward.
Author's Note: Chacha, We will always miss you a lot. I hope you are in a better place than this. Today, on the day of Diwali, I feel this void in my life which I guess will always be there but I hope to take your legacy forward.